10. एक अविच्छेद्य अधिकार
स्वदेशी जनता के लिए स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति एक मौलिक, निहित, एवं अविच्छेद्य अधिकार है।
11. मानवाधिकारों का पर्याप्त उल्लंघन
स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति हर स्वदेशी का अधिकार है और सरकार इस अधिकार की रक्षा के लिए बाध्य है।
12. "स्वतंत्रता" का अर्थ
किसी भी तरह की सरकारी धमकी, घूस या जोड़ तोड़ उनके और स्वदेशी जनता की बातचीत की प्रक्रिया से मुक्त होनी चाहिए।
13. "पूर्वगामी" का अर्थ
इससे पहले की कोई परियोजना कि शुरूवात हो, यह बहुत ज़रूरी है की स्वदेशी जनता के पास उस परियोजना के बारे में पर्याप्त सूचना उपलब्ध है। इस तरह, वे अपने राय देकर ज़रूरी परिवर्तन आरंभ कर सकेंगे।
14."सूचित" का अर्थ
स्वदेशी लोगों का विकास परियोजनाओं के वातावरण, समुदाय, एवं जनता पर संभावित प्रभावों के बारे में सूचना उपलब्ध होना बहुत ज़रूरी है। यह सूचना ऐसे माध्यम में उपलब्ध होनी चाहिए जो संभावित प्रभावित लोगों को समझ आए।
15. यह कब लागू होता है?
स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति का अधिकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों में लिखा है. अगर कोई परियोजना ज़मीनों के लिए हानिकारक प्रतीत हो, इन कानूनों का उपलब्ध इन ज़मीनों की रक्षा बे लिए किया जा सकता है।
16. उत्तरदायित्व
इन कानूनों का पालन करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह हमारी वातावरण की रक्षा करतें है, स्वच्छ पानी और वायु कि उपलब्धि की गारंटी देते है, और वे यह सुनिसचीत करते है की कोई भी विकासात्मक परियोजनएँ स्वदेशी समुदायों का लाभ करेंगे।
17.फूट डालो और राज करो
स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति का अधिकार स्पष्ट रूप से कहता है की सरकार लोगों को अपनी संगठन के तरीकें, सोच या निर्णयों में ज़बरदस्ती बदलावा नही डाल सकती। एवं, वे स्वदेशी जनता को गलत जानकारी नही दे सकते।
18. सामुदायिक बैठकें
स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति के पालना को सुनिश्चित करने के लिए यह बहुत ज़रूरी है की ऐसे सामुदायिक बैठकों की व्यवस्था हो जिनके द्वारा लोगो को पता चले के उनके क्षेत्रा में क्या हो रहा है एवं क्या हो सकता है। इसके अलावा, इन बैठकों में लिए निर्णयों की पालना की गारंटी के लिए सारी परियोजनाओं की निगरानी की जानी चाहिए।
19. एफ. पी. आई. सी क्या हक देता है
स्वतंत्र पूर्वगामी एवं सूचित सहमति के सही पालना की सुफलता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है की सब लोग जाने के यह अधिकार हर स्वदेशी व्यक्ति पर उपयुक्त है। इस अधिकार की पालना हमे स्वदेशिओें और उनकी संस्कृति को सम्मान देते संग करनी चाहिए। इस के इलावा, सरकार के प्रतिनिधियों को स्वदेशी जनताऔर कंपनियों के सात मिलके ऐसे निर्णय लेने चाहिए जो स्वदेशी समुदायों को लाभ दे।
20. सुझाव
इस अधिकार के निष्पक्ष आवेदन के लिए हमे यह ध्यान में रखना चाहिए: 1. किसी भी परियोजना के शुरुआत से पहले, क्षेत्रा के स्वदेशी जनता के संग परामर्श होना चाहिए। 2. अधिक समय का उपलब्ध करके यह सुनिश्चित करना चाहिए की समुदाय की जनता को कोई भी परियोजना के बारे मे संपूर्ण जानकारी दी जाए। 3. सारी जानकारी स्वदेशिओें की संस्कृति और परंपरागत तरीकों को ध्यान में रख कर वितरित करना चाहिए।स्वदेशिओें पर किसी भी तरह का ज़ोरदार प्रबाव नही डालना चाहिए। 5. लिए गये निर्णयों की सारी जानकारियों का दर्ज किया जाना चाहिए।